बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर से जंगल में गप्पू नाम का एक छोटा सा हाथी रहता था। गप्पू का रंग हल्का नीला था और उसकी छोटी-छोटी आँखों में हर वक़्त चमक रहती थी। वह बहुत प्यारा था, लेकिन थोड़ा शरारती भी था। गप्पू को हर दिन नए-नए खेल खेलना और नई बातें सीखना बहुत पसंद था।
एक दिन जंगल में खबर फैली कि पास की नदी सूख रही है। सारे जानवर परेशान हो गए। नदी का पानी ही उनकी ज़िन्दगी का सहारा था। अगर पानी खत्म हो गया, तो सबको बहुत मुश्किल हो जाएगी।
जंगल के बड़े-बड़े जानवर — शेर, भालू और बाघ — सब मिलकर सलाह करने लगे। वे सोच रहे थे कि कहीं दूर कोई बड़ी नदी ढूंढी जाए। लेकिन समस्या यह थी कि नदी बहुत दूर थी, और छोटे जानवर और बच्चे वहाँ तक नहीं पहुँच सकते थे।
गप्पू चुपचाप सबकी बातें सुन रहा था। फिर वह बोला,
“अगर हम सब मिलकर छोटी-छोटी नालियाँ खोदें, तो क्या नदी का पानी यहाँ तक नहीं ला सकते?”
सभी जानवर पहले तो हँस पड़े। “अरे गप्पू, यह बच्चों का काम नहीं है,” शेर ने कहा।
लेकिन गप्पू ने हार नहीं मानी। उसने अपने दोस्तों — चीकू खरगोश, मीना तोता और मोटू कछुआ — को इकठ्ठा किया और खुद ही छोटी-छोटी नालियाँ खोदना शुरू कर दिया।
धीरे-धीरे, गप्पू और उसके दोस्तों की मेहनत रंग लाने लगी। पानी की एक पतली सी धारा जंगल की तरफ आने लगी! अब बड़े जानवरों को भी समझ में आ गया कि गप्पू की सोच बिल्कुल सही थी।
सभी ने मिलकर काम करना शुरू कर दिया — शेर ने अपनी मजबूत पंजों से रास्ता बनाया, भालू ने मिट्टी हटाई, और छोटे जानवरों ने छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर पानी को रास्ता दिखाया।
कई दिन की मेहनत के बाद, आखिरकार नदी का पानी जंगल तक पहुँच गया। सब जानवर खुशी से झूम उठे! अब उन्हें प्यासा नहीं रहना पड़ेगा, और उनके बच्चे भी सुरक्षित थे।
शेर ने गप्पू को अपने पास बुलाया और कहा,
“गप्पू, आज तुमने हमें सिखाया कि कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। छोटी सोच भी बड़ी मुश्किलों का हल निकाल सकती है। तुम सचमुच बहुत समझदार हो!”
गप्पू शर्माते हुए मुस्कुरा दिया। अब वह जंगल का सबसे प्यारा और सबसे समझदार हाथी बन गया था। सभी जानवर उसे बहुत प्यार करते थे और उसकी बातें ध्यान से सुनते थे।
और इस तरह, छोटे से गप्पू ने अपनी समझदारी से पूरे जंगल को बचा लिया।
सीख:
कभी भी किसी को छोटा न समझो। सही सोच और मेहनत से बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी हल किया जा सकता है।