बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर से गाँव में एक तोता रहता था, जिसका नाम था मीठू। मीठू का रंग हरा, आँखें चमकीली, और आवाज़ बहुत प्यारी थी। वह दिनभर गांव के बच्चों के साथ बातें करता और उन्हें छोटी-छोटी कहानियाँ सुनाया करता।

मीठू की एक खास बात थी — वह हमेशा सच बोलता था। चाहे बात कितनी भी मुश्किल क्यों न हो, मीठू कभी झूठ नहीं बोलता था। गांव के सब लोग उससे बहुत प्यार करते थे।

एक दिन गाँव में राजा की स्वर्ण-माला (सोने की माला) चोरी हो गई। राजा बहुत गुस्से में था। उसने अपने सिपाहियों से कहा, “जो भी मेरी माला चुराएगा, उसे सज़ा मिलेगी और अगर कोई उसकी खबर देगा, उसे इनाम मिलेगा!”

राजा के सिपाही गाँव-गाँव जाकर पूछताछ करने लगे। तभी उन्होंने मीठू को देखा और सोचा, “ये तोता तो सब देखता और सुनता है, क्यों न इससे पूछा जाए?”

सिपाही बोले, “मीठू, क्या तुमने किसी को राजा की माला चुराते देखा है?”

मीठू थोड़ी देर सोच में पड़ गया। उसने सच देखा था, पर उसे डर भी लग रहा था कि अगर उसने नाम बताया, तो चोर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन फिर उसे याद आया — “सच बोलना सबसे अच्छा होता है।”

मीठू ने धीरे से कहा, “हाँ, मैंने देखा है। वो माला सेठ घनश्याम ने अपने बगीचे में छिपाई है।”

सिपाही हैरान रह गए! वे भागे-भागे सेठ घनश्याम के पास पहुंचे और वहां खुदाई करने पर सच में सोने की माला मिल गई।

राजा को जब सच्चाई पता चली, तो उसने मीठू को बुलाया और कहा, “तू बहुत बहादुर और सच्चा तोता है। आज के बाद तू हमारे महल में रहेगा, और बच्चों को रोज़ नई कहानियाँ सुनाया करेगा।”

मीठू को इनाम में सुनहरी पिंजरा नहीं, बल्कि एक खुला सुंदर बग़ीचा मिला जहाँ वह आज़ादी से उड़ सकता था। उसके पास हर रोज़ ताजे फल, दोस्त और राजा के बच्चे खेलने आते थे।

अब मीठू की कहानी पूरे राज्य में मशहूर हो गई — “सच्चाई की ताकत सबसे बड़ी ताकत होती है!”


शिक्षा (Moral):
सच बोलने से चाहे शुरुआत में डर लगे, लेकिन सच्चाई हमेशा जीतती है। सच्चा इंसान सबका प्रिय बनता है।