🐢 शीर्षक: टप्पू कछुआ और आत्मविश्वास की ताकत
(Tappu the Turtle and the Power of Self-Confidence)
बहुत समय पहले की बात है, एक शांत और हरे-भरे जंगल में एक छोटा-सा कछुआ रहता था, जिसका नाम था टप्पू। टप्पू बहुत सीधा-सादा और शर्मीला था। वह ज्यादा बोलता नहीं था और हर काम को धीरे-धीरे करता था। उसकी चाल इतनी धीमी थी कि जंगल के बाकी जानवर उसका मज़ाक उड़ाते थे।
“अरे, देखो तो! टप्पू तो पेड़ से पत्ता गिरने तक भी पहुँच नहीं पाया!” — बंदर बोला।
“अगर टप्पू को दोपहर का खाना चाहिए, तो सुबह से चलना शुरू करना पड़ेगा!” — खरगोश ने हँसते हुए कहा।
टप्पू दुखी हो जाता, लेकिन कभी गुस्सा नहीं करता। वह चुपचाप मुस्कराता और सोचता,
“मैं जैसा हूँ, अच्छा हूँ। हर कोई तेज़ नहीं हो सकता। पर मेहनत तो मैं भी कर सकता हूँ।”
एक दिन जंगल में एक बड़ी घोषणा हुई। जंगल के राजा शेर ने एक प्रतियोगिता रखी —
“साहस और समझदारी की दौड़”।
इस प्रतियोगिता में सिर्फ तेज़ भागना नहीं था, बल्कि रास्ते में आने वाली चुनौतियों को समझदारी और धैर्य से पार करना था। सभी जानवर बहुत उत्साहित थे — खासकर तेज़ दौड़ने वाले खरगोश, हिरण और लोमड़ी।
सबने टप्पू को टोका,
“तू क्यों भाग रहा है? तुझसे तो पत्ते भी तेज़ उड़ते हैं!”
लेकिन टप्पू ने शांत स्वर में जवाब दिया,
“मैं बस अपनी कोशिश करना चाहता हूँ।”
प्रतियोगिता शुरू हुई। सभी जानवर तेज़ी से दौड़ पड़े। टप्पू धीरे-धीरे आगे बढ़ा।
रास्ते में एक नदी आई। ज्यादातर जानवर रुक गए क्योंकि पुल टूटा हुआ था।
लेकिन टप्पू ने देखा कि उसके पास तैरने की कला है। वह धीरे-धीरे तैरता हुआ नदी पार कर गया।
थोड़ी दूरी पर काँटों से भरी झाड़ियों का रास्ता था। तेज़ दौड़ने वाले जानवर जल्दी में थे, उन्होंने कांटों में खुद को घायल कर लिया। लेकिन टप्पू रुक-रुक कर, धीरे-धीरे झाड़ियों के बीच से बचते हुए निकल गया।
आखिर में एक अंधेरी गुफा थी। तेज़ जानवर डर के मारे रुक गए, लेकिन टप्पू ने हिम्मत दिखाई। उसने गुफा के अंधेरे में अपनी चमकती आँखों से रास्ता खोजा और सुरक्षित बाहर निकल आया।
जब दौड़ खत्म हुई, तो सबको हैरानी हुई।
टप्पू प्रतियोगिता जीत गया था!
राजा शेर ने मुस्कराते हुए कहा,
“तेज़ी अच्छी बात है, लेकिन आत्मविश्वास, समझदारी और धैर्य सबसे बड़ी ताकतें होती हैं।”
अब जंगल के सभी जानवर टप्पू की इज्ज़त करने लगे। टप्पू मुस्कराया और बोला,
“जो खुद पर भरोसा करता है, वो ज़रूर जीतता है।”
⭐ कहानी से सीख (Moral):
धीरे चलने वाला भी मंज़िल पा सकता है अगर वह धैर्य, समझदारी और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़े।