Nursery Class Poems In Hindi
सवेरा
सूरज निकला मिटा अँधेरा
देखो बच्चों हुआ सवेरा
आया मीठी हवा का फेरा
चिडियों ने फिर छोड़ा बसेरा
जागो बच्चों अब मत सो
इतना सुन्दर समय न खो
मछली जल की रानी है
मछली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ डर जाएगी
बाहर निकालो मर जाएगी
धोबी आया
धोबी आया धोबी आया,
कितने कपडे लाया..?
एक, दो, तीन,
एक, दो, तीन….
धोबी आया धोबी आया,
कितने कपडे लाया..?
चार, पांच, छे,
चार, पांच, छे….
धोबी आया धोबी आया,
कितने कपडे लाया..?
सात, आठ, नौ,
सात, आठ, नौ….
धोबी आया धोबी आया,
कितने कपडे लाया..?
दस, दस, दस,
भाई , दस , दस , दस….
आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे
आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे,
बन्दर की झोपडी में सो रहे थे,
बन्दर ने लात मारी रो रहे थे,
मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे,
पापा ने पैसे दिए नाच रहे थे,
भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे…
नाच मोर का सबको भाता
नाच मोर का सबको भाता,
जब वो पंखो को फैलाता,
कूहूँ -कूहूँ का शोर मचाता,
घूम-घूम कर नाच दिखाता.
“मुझको शक्ति दो भगवान”.
मुझको शक्ति दो भगवान, पढ़ लिखकर मैं बनूँ महान्।
कभी किसी का बुरा न चाहूँ, नए काम नित करता जाऊँ।
इस जग में पहचान बनूँ मैं, भारत की इक शान बनूँ मैं।